Hydroponic Farming: खेती के लिए अब मिट्टी की नहीं पड़ेगी जरूरत! जानें कैसे

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Hydroponic Farming: हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। इस विधि से खेती में बिना मिट्टी का प्रयोग किये आधुनिक तरीके से खेती की जाती है। यह हाइड्रोपोनिक खेती केवल पानी या पानी से रेत और कंकड़ में की जाती है।

हाइड्रोपोनिक फॉर्मिंग: मिट्टी की लगातार बिगड़ती गुणवत्ता के कारण फसलों की उपज बुरी तरह प्रभावित हो रही है। हालांकि इस बीच खेती को लेकर नए विकल्प भी सामने आ रहे हैं। इधर कुछ सालों से हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। इस तकनीक में पौधे को लगाने से लेकर विकास तक के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती है।

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खेती के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती

खेती के अन्य तरीकों की तुलना में हाइड्रोपोनिक तकनीक खेती की लागत को भी कम करती है। इसकी खेती केवल पानी या पानी से रेत और कंकड़ में की जाती है। इस तरह से खेती के लिए पौधों के विकास में जलवायु की कोई विशेष भूमिका नहीं होती है। इस तरह से खेती के लिए आपको ज्यादा जगह की भी जरूरत नहीं होती है।

ऐसे तैयार करें सेटअप

हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती के लिए सबसे पहले आपको सेटअप तैयार करना होगा। आप एक या दो प्लांटर सिस्टम से शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको एक कंटेनर या एक्वेरियम लेना होगा। इसे एक स्तर तक पानी से भरें। सेटअप के अंदर एक छोटी मोटर लगाएं, ताकि पानी का बहाव अंदर रहे। कंटेनर की निचली सतह पर प्लास्टिक पाइप में एक छेद करें। इसमें आप छोटे-छोटे बर्तन फिट करें। बर्तन के अंदर के हिस्से को चारकोल से चारों तरफ से ढक दें। जिसके बाद नारियल की जटों का पाउडर को बर्तन में डालकर उसके ऊपर बीज डाल दें।

हाइड्रोपोनिक खेती भी बड़े पैमाने पर शुरू की जा सकती है

हाइड्रोपोनिक खेती भी एक या दो प्लांटर सिस्टम से शुरू की जा सकती है। इस तकनीक से बड़े पैमाने पर खेती के लिए 10 से 15 प्लांटर सिस्टम भी लगाए जा सकते हैं। इसके तहत आप गोभी, पालक, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च, चेरी टमाटर, तुलसी, लेटस सहित कई अन्य सब्जियां और फल पैदा कर सकते हैं।

कई विदेशी सब्जियों और फलों की भी खेती की जा सकती है

इस तकनीक से खेती करके आप कई ऐसे पौधों की खेती कर सकते हैं, जो सिर्फ विदेशों में ही उगाए जाते हैं। मिट्टी की कमी के कारण ये पौधे जल्दी किसी भी बीमारी के शिकार नहीं होते हैं। रोग न होने के कारण इसमें पौधे भी बहुत तेजी से बढ़ते हैं।