आज हम इस पोस्ट में आपको बताएँगे की की किस प्रकार आप घर बैठे -बैठे ऑनलाइन मोड़ में अपना एमपी मैरिज रजिस्ट्रेशन कर सकते हो। इसके लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी। अब मध्य प्रदेश सरकार ने लोगो की सुविधा के लिए आधिकारिक वेबसाइट जारी की है। ताकि लोग अपनी सुविधा के अनुसार अपना रजिस्ट्रेशन कर सके और कार्यालय के चक्कर ना काटने पड़े। आज हम अपने आर्टिकल में आपको एमपी मैरिज रजिस्ट्रेशन के बारे में और भी अन्य जानकारी साझा करेंगे। शादी-विवाह को धूमधाम से करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है पर शादी-विवाह के रजिस्ट्रेशन को लेकर लापरवाही देखने को मिलती है। जबकि शादी-विवाह का रजिस्ट्रेशन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शादी विवाह करना।
विवाह प्रमाण पत्र क्या है?
विवाह प्रमाण पत्र (marriage certificate) एक कानूनी बयान है कि दो लोग विवाहित मतलब उनकी शादी हुई हैं। मध्य प्रदेश राज्य सरकार कानूनी मानदंडों के आधार पर विवाह प्रमाण पत्र प्रदान करती है। MP marriage certificate registration लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी और कार्यालय के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे।
विवाह पंजीकरण के लिए पात्रता
- दूल्हे की उम्र 21 साल या ज्यादा की होनी चाहिए, और दुल्हन की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए।
- पंजीकरण के दौरान युगल (Couple) को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना चाहिए।
- विवाह पंजीयन के लिए शादी के एक महीने बाद आवेदन कर सकते हैं।
- जिस क्षेत्र में आप आवेदन कर रहे हैं उस क्षेत्र में वर या वधू 6 महीने से अधिक समय तक निवास कर चुके हो तभी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- वर वधु शादी के 1 महीने बाद रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दे सकते हैं।
भारत में विवाह पंजीकरण के मुख्यतः दो तरीके होते हैं-
हिंदू विवाह अधिनियम (1955) | विशेष विवाह अधिनियम (1954) |
हिंदू विवाह अधिनियम के तहत भारत के बहुसंख्यक हिंदुओं के विवाह का पंजीकरण किया जाता है। | विशेष विवाह अधिनियम के तहत भारत में रहने वाले दूसरे धर्म के लोगों के विवाह का पंजीकरण किया जाता है। |
विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र के लाभ
- शादी के बाद यदि वधु अपना और दस्तावेजों में अपना उपनाम बदलना चाहती है तो वो बदल सकती है।
- यदि आप विवाह प्रमाण पत्र बनाते है तो पहले आपकी आयु आपकी जन्मतिथि से और शादी के साल के वर्ष तक आंकी जाएगी। यदि आपकी शादी क़ानून के नियम के अनुसार 18 वर्ष से कम साल में शादी करा दी हो तो बाल विवाह कराने पर क़ानूनी तौर पर सजा दी जाएगी।
- यदि शादी के बाद पति की मृत्यु हो जाती है तो इस अवस्था में सारे अधिकार पत्नी को प्राप्त हो जायेंगे।
- विवाह प्रमाण पत्र बनाने से बाल विवाह को रोका जा रहा है और साथ ही महिलाओं के अधिकारों को रक्षा होगी।
- यदि वर वधु का तलाक होता है या अन्य कोई बात होती है तो विवाह प्रमाण पत्र के अनुसार महिला को एलिमनी यानी मासिक भत्ता दिया जाएगा।
- यदि आपके पास मैरिज सर्टिफिकेट है तो आप बैंक में ज्वाइंट खाता खोल सकते है।
- जमीन खरीदने के मामले या आप अपना जीवन बीमा भी करा सकते है।
विवाह पंजीकरण हेतु आवश्यक दस्तावेज
विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र के लिए आपको कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। इन दस्तावेजों के बगैर आपका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा।
- शादी का आमंत्रण कार्ड
- शादी के समय की फोटो
- वर वधु का आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- दो गवाह और उनका पता प्रमाण और पहचान पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- वर वधु के द्वारा बनाया गया एफिडेविट
- शादी हाल की रसीद
- जाति प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- सभी दस्तावेज सरकारी प्रमाणित होने अनिवार्य है।
- यदि अगर शादी विदेश में हुयी हो तो वहां के अधिकारी द्वारा नो ऑब्जेक्शन का प्रमाण पत्र।
अगर विवाह विदेश में हुआ हो तो वहां के अधिकारी द्वारा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी ज़रूरी है। सभी दस्तावेजों का सरकार द्वारा प्रमाणित होना अनिवार्य है।
Marriage Certificate Online कैसे बनायें?
मध्य प्रदेश विवाह प्रमाण ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको मध्य प्रदेश की वेबसाइट https://www.mpenagarpalika.gov.in/ पर जाना होगा और वहाँ पर आपको सबसे ऊपर जहाँ पर Citizen services लिखा होगा, वहाँ पर क्लिक करना है।
- यहां आपको Marriage Registration के विकल्प पर क्लिक करना है।
- आगे आपके सामने और कई विकल्प आएंगे, जिसमें से आपको Online Form – Marriage Registration का विकल्प चुनना है।
- इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। यहां आपको अपने क्षेत्र के नगर पालिका का नाम लिखना है और आगे बढ़ना है।
- अब आपके सामने आवेदन फॉर्म आ जाएगा। यहां आपको पूछी गई सारी जानकारी भरनी है और मांगे गए दस्तावेज जमा करने हैं।
सभी जानकारी सभी भरने के बाद डाक्यूमेंट्स अपडेट करे और फॉर्म सबमिट करें। फॉर्म सबमिट होने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर सूचना भेज दी जाएगी। आप ऑनलाइन मैरिज सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते है या अपने जिलाधिकारी के पास जाकर सर्टिफिकेट ले सकते हैं।