इंटरनेट की तरह दुनिया को बदल सकती है क्रिप्टोकरेंसी

ब्लॉकचेन तकनीक और उसके प्रभावी होने वाली क्रिप्टोकरेंसीज में यह क्षमता है कि हमारी दुनिया को उसी तरह से आमूलचूल बदल डालें जैसे 30 साल पहले इंटरनेट ने बदला था। एक ब्लॉकचेन नेटवर्क में क्रिप्टो अनेक प्रकार लेते हैं और विभिन्न भूमिका निभाते हैं। कुछ म्यूच्यूअल रुप से लेन-देन करने योग्य होते हैं जिन्हें फंजिबल भी कहा जाता है। वहीं अन्य एक यूनिक और नॉन फंजिबल एसेट की तरह होते हैं। कुछ ब्याज देने वाले निवेश ऐसैट्स होते हैं तो कुछ अन्य ऐसे गवर्नेस टोकन की तरह होते हैं जो किसी डीसेंट्रलाइज एप्लीकेशन या डीऐप को चलाते हैं।

क्रिप्टो करेंसी में निवेश ने हाल के सालों में हलचल मचा दी है। अभूतपूर्व परिवर्तनशिलता यानी वोटेलिटी, अच्छे मार्जिन का आश्वासन और सुरक्षा समस्याओं के चलते क्रिप्टो को जितना प्यार किया जाता है उतनी ही नफरत भी की जाती है। इसमें निहित ब्लॉकचेन तकनीक अपनी उपयोगिता साबित कर चुकी है अधिकतर लोग क्रिप्टोकरेंसीज को ऐसे ऐसे क्लास की तरह देखते हैं जिसमें निवेश किया जा सकता है। यह इससे कहीं बढ़कर है इसकी शुरुआत 2008 में बिटकॉइन के अविष्कार से हुई। यह एक ऐसा व्यक्ति जिसे सतोशी नाकामोतो कहकर पुकारा जाता है के दिमाग की उपज थी। वह भुगतान की नई प्रणाली का आविष्कार करना चाहता था। नया इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम बनाना चाहता था जो किसी केंद्रीय सत्ता के नियंत्रण से मुक्त और पियर-टु-पियर यानी 2 लोगों के आपसी संवाद पर आधारित हो। किसी मध्यस्थ के बिना इंटरनेट पर मूल्य को स्थानांतरित करना यकीनन क्रांतिकारी विचार ही था।

और आज अनेक डिजिटल वर्चुअल ऐसैट्स हमारे सामने हैं जैसे – क्रिप्टोकरेंसीज, प्रोग्रामेबल ब्लॉकचेंस, डिफाय प्रोटोकॉल्स, स्टेबल कॉइंस, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या सीबीडीसीज, नॉन फंजिबल टोकस या एनएफटी, डिजिटल आर्ट्स, गवर्नेस टोकन आदि इत्यादि। यह समूची new-age इंडस्ट्री नित नए इनोवेशन से भर चुकी है।

सीबीडीसीज – जो कि सरकार के द्वारा जारी की जाती है और डिजिटल रुपए की तरह होती है – आपको डिजिटल क्रिप्टो की सुविधा और सुरक्षा भी देती है और परंपरागत बैंकिंग प्रणाली की नियामकता भी। चूंकि इस पर सरकार का नियंत्रण है इसलिए सभी प्रकार के लेनदेन की निगरानी की जा सकती है। स्टेबलकॉइन परंपरागत क्रिप्टो करेंसी की हाई-प्राइस परिवर्तनशीलता को कम करते हैं। हमारे रोजमर्रा के जीवन में क्रिप्टो की स्वीकार्यता बढ़ाने का यह प्रयास है। डिफाय प्रोटोकॉल्स बैंक, ब्रोकरेज, एक्सचेंज आदि पर निर्भर नहीं करते। वे ब्लॉकचेन पर प्रोग्राम स्मार्ट कांटेक्ट का उपयोग करते हैं और लोगों को पैसे उधार लेने व जोखिम पर इंश्योरेंस की सुविधा देते हैं। बचत खातों की तरह वे ब्याज कमाते हैं पर थर्डपार्टी पर निर्भरता बिना क्रिप्टो नेटवर्क विकेंद्रीकरण और सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण इनोवेशन है।

यह सच है कि क्रिप्टोकरेंसीज अनेक उद्योगों में व्यवधान उत्पन्न कर रही है इनमें से कुछ वित्तीय, लॉजिस्टिक्स, खुदरा, रियल एस्टेट, सोशल नेटवर्किंग के हैं। इन सभी केंद्रीकृत उद्योगों को विकेंद्रित करके यह तकनीक लोगों के हाथों में फिर से ताकत शौक रही है। उम्मीद की जा सकती है कि विकसित देशों की तरह यह भी भारत में तेजी से बढ़ेगी हमारे पास ब्लॉकचेन स्पेस में अग्रणी बनने के लिए डेवलपर्स है तकनीक है संसाधन है हमें बस सहयोग करने वाले कानूनों और इकोसिस्टम और वैधानिक फ्रेमवर्क की दरकार है।

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