अक्सर लोगो का प्रश्न होता है की क्या Gold Mutual Funds Physical Gold से बेहतर हैं? तो हम कहना चाहते है की Gold Mutual Funds और Physical Gold दोनों ही निवेश के लोकप्रिय विकल्प हैं, लेकिन इन दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। यह कहना कि गोल्ड म्यूचुअल फंड्स फिज़िकल गोल्ड से बेहतर हैं, यह पूरी तरह निर्भर करता है कि आपका निवेश उद्देश्य, जोखिम सहने की क्षमता और लॉन्ग-टर्म प्लानिंग क्या है। आइए इन दोनों विकल्पों की तुलना करके समझते हैं:
Gold Mutual Funds क्या हैं?
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स ऐसे फंड्स होते हैं, जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) या गोल्ड से संबंधित कंपनियों में निवेश करते हैं। इनमें आपको फिज़िकल गोल्ड खरीदने की जरूरत नहीं होती। ये पूरी तरह पेपर बेस्ड गोल्ड हैं।
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Gold Mutual Funds vs Physical Gold: तुलना
1. सुरक्षा और स्टोरेज
- Gold Mutual Funds:
- आपको भौतिक रूप से सोना खरीदने और उसे सुरक्षित रखने की चिंता नहीं करनी पड़ती।
- बैंक लॉकर या घर पर चोरी का खतरा नहीं होता।
- Physical Gold:
- फिज़िकल गोल्ड (जैसे ज्वेलरी, सोने के सिक्के या बार्स) को स्टोर करना महंगा हो सकता है।
- इसे सुरक्षित रखने के लिए बैंक लॉकर की जरूरत होती है, जो अतिरिक्त खर्च बढ़ाता है।
2. लिक्विडिटी (कैश में बदलने की सुविधा)
- Gold Mutual Funds:
- इन फंड्स को कभी भी सेल किया जा सकता है और सीधे आपके बैंक अकाउंट में पैसा आ जाता है।
- इसे गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) की मदद से तुरंत बेचा जा सकता है।
- Physical Gold:
- फिज़िकल गोल्ड को बेचने के लिए ज्वेलर या बाजार जाना पड़ता है।
- बेचे जाने पर मेकिंग चार्ज और शुद्धता (Purity) को लेकर मूल्य कम हो सकता है।
3. पारदर्शिता (Transparency)
- Gold Mutual Funds:
- इसमें पूरी पारदर्शिता है। आप गोल्ड की मौजूदा कीमतों को देख सकते हैं और मूल्यांकन कर सकते हैं।
- Physical Gold:
- फिजिकल गोल्ड में कीमतों का सही अनुमान लगाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि ज्वेलर्स अलग-अलग दरों पर सोना बेचते हैं।
4. लागत (Cost)
- Gold Mutual Funds:
- इसमें ब्रोकरेज, फंड मैनेजमेंट फीस और थोड़े से एसेट मैनेजमेंट चार्ज लगते हैं।
- कोई मेकिंग चार्ज या लॉकर चार्ज नहीं होता।
- Physical Gold:
- ज्वेलरी बनवाने पर मेकिंग चार्ज 8-25% तक लग सकता है।
- लॉकर की फीस और मेंटेनेंस का खर्च बढ़ सकता है।
5. टैक्स बेनिफिट
- Gold Mutual Funds:
- गोल्ड फंड्स में तीन साल से ज्यादा निवेश करने पर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है।
- Physical Gold:
- तीन साल से कम समय में फिज़िकल गोल्ड बेचने पर आपको शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
6. इंवेस्टमेंट का उद्देश्य
- Gold Mutual Funds:
- यह निवेश के लिए बेहतर है, खासकर अगर आप लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन और बाजार पर ट्रेडिंग करना चाहते हैं।
- Physical Gold:
- फिजिकल गोल्ड व्यक्तिगत उपयोग (जैसे ज्वेलरी पहनने) और इमरजेंसी में उपयोग के लिए ज्यादा उपयुक्त है।
7. रिटर्न (Returns)
- Gold Mutual Funds:
- ये गोल्ड की बाजार कीमत पर आधारित होते हैं और अतिरिक्त फंड मैनेजमेंट से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
- Physical Gold:
- इसमें रिटर्न केवल गोल्ड की कीमत के आधार पर होता है, और मेकिंग चार्ज निकालने के बाद शुद्ध लाभ कम हो सकता है।
8. निवेश की क्षमता
- Gold Mutual Funds:
- आप केवल ₹500 या ₹1000 प्रति माह SIP के जरिए निवेश शुरू कर सकते हैं। छोटे बजट वालों के लिए यह आदर्श है।
- Physical Gold:
- फिजिकल गोल्ड खरीदने के लिए एकमुश्त बड़ी राशि की जरूरत पड़ती है।
किसे चुनें और कब?
उद्देश्य | बेहतर विकल्प |
---|---|
शॉर्ट-टर्म निवेश | Physical Gold (जैसे ज्वेलरी या सिक्के) |
लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन | Gold Mutual Funds या Gold ETFs |
लिक्विडिटी | Gold Mutual Funds |
व्यक्तिगत उपयोग (जैसे शादी या उपहार) | Physical Gold |
सुरक्षा और लागत बचाना | Gold Mutual Funds |
छोटे बजट से शुरुआत | Gold Mutual Funds (SIP से निवेश) |
गोल्ड ETFs और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में फर्क
- गोल्ड ETFs (Exchange Traded Funds):
- ये स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं।
- इसमें ट्रेडिंग अकाउंट (Demat Account) जरूरी है।
- गोल्ड म्यूचुअल फंड्स:
- ये गोल्ड ETFs में निवेश करते हैं।
- इसमें डिमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती।
अगर आप निवेश के उद्देश्य से सोना खरीदना चाहते हैं, तो Gold Mutual Funds फिज़िकल गोल्ड से बेहतर हैं। ये सुरक्षित, लागत प्रभावी, और आसानी से नकदी में बदलने लायक होते हैं। वहीं, फिज़िकल गोल्ड का अपना एक इमोशनल और सांस्कृतिक महत्व है, खासकर भारतीय परिवारों में। इसलिए, दोनों के बीच चयन करना आपके व्यक्तिगत उद्देश्य और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
अगर आपका उद्देश्य वेल्थ क्रिएशन और लॉन्ग-टर्म रिटर्न है, तो गोल्ड म्यूचुअल फंड्स एक समझदारी भरा विकल्प है।
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