बुलडोजिंग का अर्थ होता है जबरदस्ती करना। शुरुआत में बुलडोजिंग का अर्थ होता था, किसी बाधा को ताकत के साथ पार करना।

मशीन के मामले में बुलडोजर, एक ऐसी मशीन का नाम है जो निर्माण के रास्ते में आने वाली बाधाओं को जबरदस्त ताकत के साथ खत्म कर देती है। 

यह 18वीं सदी की बात है। कुछ किसान अपनी खेती में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए लकड़ी की एक खास किस्म की मशीन का उपयोग किया करते थे। इस मशीन में आगे की तरफ एक मोटी और बहुत बड़ी ब्लेड लगी होती थी 

और पीछे घोड़ा गाड़ी की तरह दो बड़े पहिए लगे होते थे। कहा जाता है कि इसी मशीन से बुलडोजर बनाने का आइडिया आया। कई इतिहासकार इसी मशीन को दुनिया का पहला Bulldozer कहते हैं। 

सन 1904 में अमेरिकी इन्वेंटर बेंजामिन होल्ट ने उस मशीन का आविष्कार किया जिसे बुलडोजर कहा जाता है। इसमें स्टीम इंजन लगा हुआ था और मूल रूप से यह मशीन एक क्रॉलर ट्रेड टैक्टर थी। 

ठीक इसी समय दुनिया के दूसरे हिस्से इंग्लैंड में हॉर्नस्बी नाम की कंपनी ने भी ऐसी ही मशीन बनाई थी। यह मशीन खेती को आसान बनाने के लिए बनाई गई थी।  

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस मशीन का उपयोग सेना के हथियार और सामान ढोने के लिए किया गया क्योंकि बुलडोजर उबड़ खाबड़ जमीन पर आसानी से चल सकता था।  

Bulldozer का युद्ध में प्रयोग क्यों किया गया

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में ज्यादातर जिस मशीन को बुलडोजर कहा जाता है असल में उस मशीन का नाम बैकहो लोडर मशीन है। इस मशीन को सबसे पहले JCB कंपनी ने बनाया था। 

आज दुनिया भर में कई कंपनियां बुलडोजर बना रही है। हर कंपनी की टेक्नोलॉजी अलग हो सकती है लेकिन बुलडोजर की पहचान उसके आगे एक भीम का है ब्लेड है।